रविवार, 5 अक्तूबर 2008

राहुल भइया दिखावा मत कीजिये

आजकल आप कुछ ज्यादा ही जनकल्याण का कार्य कर रहे हैं ऐसा क्यों क्योंकि चुनाव आने वाला है । मतलब सीधा है की आपलोग जनता को मूर्ख समझते हैं की २ दिन कचरा उठाकर या फ़िर जनकल्याण का कार्य कर आप जनता को अपने पक्ष में कर लेंगे । जितनी म्हणत आप इस कार्य में कर रहे है उतना वक्त आपने अपने कार्यकर्ताओं को देकर समझाया होता की वे जनकल्याण का कार्य करें तो आज आपको न तो कचरा उठाना पड़ता न कुछ और कार्य जो आप आज कर रहे हैं । जनता के पास एक मौका होता है जिसका इस्तेमाल वह ५ साल में करती है और राजा को फ़कीर बना देती है इसका अंदाजा आपको लग गया इसलिए आप जनकल्याण का कार्य कर रहे हैं लेकिन अभी ही क्यों कर रहें हैं पिछले ४ साल से आप कहाँ सोये हुए थे । आपको तो युवराज कहा जाता है तो फ़िर आप यह क्यों कर रहे हैं , यदि आप यह करेंगे तो फ़िर अन्य लोग क्या करेंगे । आप तो जहाँ भी जाते हैं और जो भी करते है वह तो पूर्व नियोजित होता है तो फ़िर ऐसा दिखावा क्यों मत कीजिये मैं तो बस इतना ही कहूँगा ।

6 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

खबरदार, भावी प्रधानमंत्री के बारे में शुभ-शुभ बोलो… राहुल भैया के दिल में दर्द है गरीबों के लिये, इसीलिये तो वह झोंपड़ियों में रात बिता रहे हैं… तगारी उठा रहे हैं… अप्रैल आते-आते वह कुछ और चमत्कार भी दिखायेंगे…

Unknown ने कहा…

जी मैं आपसे सहमत नहीं हूँ । कभी जो लोगों के बीच न जाये तब इस बात का रोना कि मेरा नेता कभी आता ही नहीं हालचाल लेने और जब राहुल जी जाते हैं तो कहते हैं कि यह वोट बैंक की राजनीति है । आप बातइये कि क्या किया जाये जो सही हो आप की नजर से।

Nitish Raj ने कहा…

neeshoo की बात भी सही है और लेकिन सब से बड़ी बात है कि अभी राहुल को पहचान बनानी है और आज झोपड़ी तो तभी महल मिलेगा। यदि जिंदा रहे तो आगे आने वाले दिनों में सबसे प्रभावी प्रधानमंत्री भारत को मिलेगा। और एक बात ये आज ही से इनके बीच नहीं गए हैं ये तो कई सालों से भारत की खोज में जुटे हैं। जल्द ही मेरा एक आर्टिकल राहुल पर है।

दीपक कुमार भानरे ने कहा…

चुनाव का समय नजदीक है और ये सब करना , जरूरी है .
चलो आख़िर जानने की कोशिश ताओ की की कचरा उठाने का क्या अनुभव होता है . आशा है अपने कार्यकर्ता को और अपनी पार्टी की नीतियों मैं उनके हितों को स्थान दिलाने का प्रयास करेंगे .

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कोई कुछ भी कहे, चुनावी स्टंट तो है ही। विश्वास ना हो तो तगारी उठाए राहुल की फोटो को ध्यान से देखें। नीशु कुछ हद तक ठीक हैं पर उन्हें भी दिखायें।

राहुल की तगारी एकदम चमचमाती नयी-नकोर है, जबकी उनके पीछेवाले के सर पर प्लास्टिक की धरी है। सब पहले से निर्धारित होता है। पर इसमे बुराई भी क्या है। क्योंकि उन्हें जिस हमाम में उतारने की तैयारी है वहां तो ------------

बेनामी ने कहा…

जनता ने बेवकूफियां की हैं, अभी भी कर रही है, तो पोलिटिकल लॉजिक कहता है पब्लिक को आगे भी बेवकूफ बनाया जा सकता है , और पब्लिक बेवकूफ बनेगी भी