सोमवार, 11 अगस्त 2008

आखिर क्यों न अंगुली उठाई जाए

भारत श्रीलंका के बीच ३ टेस्ट की सीरिज ख़त्म होने को है और भारत के मध्यक्रम के ४ धुरंधरों का क्या प्रदर्शन रहा है हम सभी जानते हैं गांगुली तथा सचिन ने तो एक भी हाफ sएन्चुरी नहीं बने है और भारत के दयनीय प्रदर्शन का प्रमुख कारन भी यही है की सचिन द्रविड़ गांगुली व लक्ष्मण नही चले वरना जिसके आगे मैक्ग्राथ ली व वॉर्न ने दम तोड़ दिए वहां मेंडिस की क्या औकात है । यह कहकर मैं मेंडिस से उसकी सफलता नहीं छीनना नही चाहता बेशक वह अच्छा गेंदबाज है लेकिन भारतीय बल्लेबाज अच्छा नहीं खेले इसलिए हमारी हार हुई । इन चीजों के मद्देनजर यदि इन्हें टीम से हटाने की बात यदि कही भी जाती है तो इसमे किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए। बेहतर तो यही होता की ये ख़ुद अपनी यथास्थिति को देखते हुए संन्यास ले लेते । दौरे से पहले सचिन ने कहा था की मैं इस दौरे पर अपना सर्वश्रेष्ठ दूँगा तो क्या यही उनका सर्वश्रेष्ठ है तब तो लोग हो हल्ला करेंगे ही न । द्रविड़ तो लगता है कप्तानी छोड़ने के बाद एकाध पारियों को छोड़ दे तो बल्लेबाजी करना ही भूल गए हैं । गांगुली के समर्थन में तो पूरा बंगाल ही है । इ सभी ने अच्छी स्पिन गेंदबाजी के सामने घुटने टेके हैं जो की भारत के लिए शुभ संकेत नही हैं क्योंकि यही भारत की मजबूती थी और वहां भी हम गच्चा खा गए।

2 टिप्‍पणियां:

शोभा ने कहा…

आप आशावादी रहें। भारत और भी पदक जीतेगा। जीत की बहुत- बहुत बधाई

Udan Tashtari ने कहा…

बिल्कुल जी, उंगली उठाने वाली बात है..सही कह रहे हैं. बहुत बेकार खेले.