कल गाँधी जयंती मनाई गयी टीवी चैनल में भी खूब दिखाया गया लेकिन लोग शास्त्री जी की लोग भूल गए यह गांधीजी का प्रभाव कहे या कुछ और लेकिन उन्हें याद किया जाना चाहिए वे हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे पाक के खिलाफ युद्ध में हम उन्ही के नेतृत्व में जीते थे । इस साल तो ईद भी २ अक्टूबर को ही था इसलिए भी लोगों को और कम याद आया । बनारस का यह लाल एक अद्भुत प्रतिभा का धनी था । नेहरू जी के बाद प्रधानमन्त्री पड़ को उन्होंने गरिमा प्रदान की लेकिन हम अक्सर भूल जाते हैं । गाँधी की तस्वीर तो आपको दफ्तरों में भी मिल जायेगी लेकिन इनके लिए तो आपको दिया जलाना होगा बताइए इसमे क्या दोष उनका है यदि वे ज्यादा दिन तक जिंदा होते तो और भी ज्यादा देश के लिए कर गुजरते लेकिन ऊपर वाले ने उन्हें जल्दी ही हमसे छीन लिया। n
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
1 वर्ष पहले
2 टिप्पणियां:
सही कहा आपने.क्या किया जाए...जो फायदा गांधीजी के नाम को भुनाने में है,शास्त्रीजी के नाम में नही है.तो कोई क्यों उन्हें याद करे,नाम जपे.
मैं आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूं। गांधी जी महान शख्सियत थे। लेकिन शास्त्री जी के कद को कम करके नहीं देखा जा सकता। गांधी जयंती के रोज़ मैं भी ऐसा ही सोच रहा था।
एक टिप्पणी भेजें