एक सिंगूर अभी ख़त्म नही हुआ की दूसरे की तैयारी हो रही है । इस बार बारी बंगाल की नही बल्कि मध्यप्रदेश की है जहाँ सरकार ने सिंगरौली नामक स्थान पर एक पॉवर प्लांट बनने का निर्णय किया है । इससे वहां के लोगों में काफ़ी असंतोष है हो भी क्यों न क्योंकि जब पेट पर लात पड़ती है तो आदमी कुछ भी करने को तैयार हो जाता है । यहाँ एक सवाल पैदा होता है की क्या सिर्फ़ उस क्षेत्र के विकास के बारे में सरकार ही सोचती है जनता को नही लगता की इससे हमारा विकास होगा । यदि जनता को नही लगता तो फ़िर सरकार वैसा विकास करने पर क्यों तुली हुई है जिससे की जनता ही खुश ही नही है । एक तो सरकार जनता की खिलाफत करे और फ़िर विकास की गंगा बहने की बात करे तो फ़िर क्या फायदा कोई हमें बताएगा की दुनिया के किस स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसा होता है । हमें बिजली रोटी दाल की कीमत पर नही चाहिए । यदि सरकार रोजगार देने की बात करती है तो ये भी ग़लत है क्योंकि इस पॉवर प्लांट में बहार के लोगों को ही नौकरी मिलेगी यहाँ के लोगों का हाल भी सिंगुर के लोगों के जैसा ही होगा ।
अभी समय है जनता के साथ सलाह मशविरा कर सरकार इस मामले का कोई निदान निकाले नही तो फ़िर पानी की भांति खून बहेगा , लाशें बिछेंगी और फ़िर अंजाम सिंगुर वाला ही होगा।
1 टिप्पणी:
ab ye mamla madya pradesh ke gale ki fans bnta ja rha hai.
ap ne sahi kaha hai.
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