मंगलवार, 2 सितंबर 2008

कौन सुनेगा बिहार की .......................

इन दिनों बिहार बाढ़ की चपेट में है और लगभग ४० लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं । इस मुश्किल की घड़ी में हम सब देश्वाशी को चाहिए की बिहार की जनता का साथ दे लेकिन देखिये सरकार ही इन लोगों के साथ नहीं है यदि सरकार कोई दिशानिर्देश जारी भी करती है तो अफसरशाही का तो यह आलम है की वे सरकार पर दोष लाद देते हैं जरा सोचये क्या इसी चीज़ के लिए हमारे नेता वोट मांगने आते हैं । जब काम पड़ी तो हाथ फैलाकर वोट मांग लिया अब समय है की सरकार भी उन सभी समस्या से ग्रस्त लोगों की मदद करे जो बाढ़ रुपी आपदा का सामना कर रहें हैं । यदि हम दिल्ली में बैठें बिहार के नेताओं की बात करें तो वे भी लोगों की मदद करने के बजाय इसका इस्तेमाल चुनावी अभियान के रूप में कर रहें हैं। जो भी दल वाले हैं वो इस समय यदि लोगों की मदद करते तो उन्हें आराम से वोट मिल जाता लेकिन वो चीज़ कोई नहीं करेगा । केन्द्र सरकार ने १००० करोर का पॅकेज दिया है लेकिन कितना लोगों तक पहुंचेगा इस बारे में अभी संदेह ही है।

1 टिप्पणी:

PREETI BARTHWAL ने कहा…

सच्ची भगवान भी नही सुन रहा है ।