माना की बिहार में जल का स्तर कम होना शुरू हो गया है लेकिन अब तो वहां की परेशानियाँ और भी बढ़ गयी है क्योकि वहां अब महामारी का प्रकोप काफ़ी बढ़ गया है सही मातृ में वहां दवाई उपलब्ध नहीं है लोग मरन्नासन्न अवस्था में हैं लेकिन सुनाने वालों की संख्या बहुत कम है। बिहार को जो सुविधा मिली है वह काफ़ी काम है यदि १००० रूपया को ४० लाख लोगों में बांटे तो वह २५०० से कुछ ही ज्यादा होता है तो आप ख़ुद ही समझिये की जो लोग इतने दिनों में अपना घर द्वार सहित कितने रिशेदारों को भी खो चुके है जरा सोचकर देखिये इतने कम पैसे में उनके किस जरूरत की पूर्ति होगी न तो वे इस पैसे से अपना घर बनवा सकते हैं और न ही कुछ अन्य चीजें । बहुत होगा तो वे इस पैसे से वे कुछ दिनों तक सिर्फ़ अपना पेट ही भर सकते हैं । लेकिन आगे क्या होगा इस बारे में किसी ने कुछ नहीं सोचा । इस समय जरूरत है की हम सभी देश्वाशी बिहार के लोगों के साथ खड़ा हों क्योंकि उन्हें इस समय आर्थिक के साथ साथ भावनात्मक सहयोग की आवश्यकता की जरूरत है ।
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
1 वर्ष पहले
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