एकाध साल पहले यू जी सी ने जो प्रावधान किया था उसके अनुसार lecturership के लिए नेट की पात्रता ख़त्म कर दी थी लेकिन उसे पुनः लाये जाने का प्रावधान करना एक अच्छा कदम है क्योंकि इससे इसकी गुणवत्ता में गिरावट आयी
थी lएकं बार पुनः नेट की पात्रता को लागु करने का प्रावधान करना एक सराहनीय कदम है । भारत में बहुत सारे कॉलेज ऐसे हैं जहाँ से फर्जी डिग्री प्राप्त की जा रही है । जब नेट के प्रावधानों को ख़त्म किया तोकॉलेज में छात्रों बाढ़ सी आ गयी थी लेकिन गुणवत्ता पर कोई धयान नही दिया गया । जरा सा सोचिये जिनके पास ख़ुद कोई क्वालिटी नही है वे कॉलेज में नियुक्त होने के बाद क्या खाक अच्छा पढ़एँगे।यू जी.सी को चाहिए की पुनः जल्द से जल्द वेह नेट की पात्रता को लागु करे ताकि इस क्षेत्र की क्वालिटी को बनाये रखा जा सके , साथ ही यू जी सी को चाहिए की जो आर्थिक सहायता रिसर्च कार्यों के लिए दी जा रही है उसका भी समय समय पर मूल्यांकन करे । आज अध्यापन के क्षेत्र में कम लोग आ रहे हैं जो आ रहें है वे इसे टाइम पास का जरिया मानकर आ रहे हैं । यह एक अच्छा जॉब है नाम सोहरत सब है इसमे लेकिन अच्छे तरीके से काम करने वालों की कमी है । आज स्थिति यह है की विज्ञान में उच् शिक्षा प्राप्त करने वालों की संख्या काफी कम हो गयी है आख़िर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस युग में पूरे देश के लिए यह चिंता का विषय है । नेट की पात्रता के अतिरिक्त यू जी सी इन मामलों पर भी तत्काल कोई सकारात्मक कदम उठाये ।